Monday, 23 July 2012

Aahat Bhi Nahi...

  Love is an amazing tale of free-spirited joy, unbounded happiness and deep wretched sorrow... No two lovers have experienced happiness alone... time tests them numerously with pain and hurt. Love also has betrayal as one of its allies...and love has separation has one of the friends...





"जाते  जाते  चली  गई  बहार ,
ना  ली  रुखसत  हमसे ,
ना  ही  किया  कोई वादा ;
उसके  आनेसे  जो  कलियाँ  मुस्कुराई  थी ,
उनपर  भी  हैं  ख़ामोशी  चाई ।
दिल  में  हैं  तूफ़ान ,
आखोमें  नमी ,
आनेवाला  कोई  सैलाब  हैं ,
अभी  हैं  दूर  कही ,
क्यों  चली  गयी  अकेला  छोड़कर ?
गर  तू  होती ,
सर्दिया  ना  होती सर्द ,
तन्हाई  ना होता  हर लम्हा ,
जाने  क्यों  रूठकर  जा रही हैं ,
दस्तक  देनेसे  पहले  खुशियाँ ।
कब  तक  बता ए  पीर ,
होगा ये  रंजोगम  का  आलम ?
झूठा  हि  सही ,
दिलासा  तो  देदे ,
कि  लोटकर  आएगी  बहार ,
जिसके  लिए  सदियोंसे  भी ,
पहले  से  बैठे  हैं ,
दामन  फ्हलाये ... मिन्नतें  किये।"
 


  

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